उपराष्ट्रपति चुनाव 2025: सांसद कैसे करते हैं मतदान? जानिए पूरी प्रक्रिया
भारत में उपराष्ट्रपति पद का चुनाव एक बेहद संवैधानिक और पारदर्शी प्रक्रिया के तहत होता है। आज देश के सांसद उपराष्ट्रपति चुनाव में मतदान कर रहे हैं, और कई लोगों के मन में यह सवाल है कि आख़िर सांसद इस चुनाव में वोट कैसे डालते हैं?


Richa Gupta
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उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 के लिए मतदान चल रहा है। चुनाव में राज्यसभा और लोकसभा के 767 सांसद वोट डाल रहे हैं। 4 राजनीतिक दलों के 14 सांसदों ने चुनाव का बहिष्कार किया है, जिससे वोटों की संख्या 781 से घटकर 767 रह गई है। मतदान गुप्त तरीके से हो रहा है और निर्वाचन अधिकारी राज्यसभा महासचिव PC मोदी, सहायक निर्वाचन अधिकारी गरिमा जैन और विजय कुमार हैं। NDA की ओर से किरेन रिजिजू, श्रीकांत शिंदे और राम मोहन नायडू पोलिंग एजेंट बनाए गए हैं। भारत में उपराष्ट्रपति पद का चुनाव एक बेहद संवैधानिक और पारदर्शी प्रक्रिया के तहत होता है। आज देश के सांसद उपराष्ट्रपति चुनाव में मतदान कर रहे हैं, और कई लोगों के मन में यह सवाल है कि आख़िर सांसद इस चुनाव में वोट कैसे डालते हैं? आइए जानते हैं उपराष्ट्रपति चुनाव की पूरी प्रक्रिया, नियम और तरीका।
उपराष्ट्रपति चुनाव में कौन करता है मतदान?
- इस चुनाव में केवल संसद के सदस्य (MPs) ही मतदान करते हैं।
- इसमें लोकसभा और राज्यसभा, दोनों सदनों के निर्वाचित एवं मनोनीत सदस्य मतदान के पात्र होते हैं।
- वर्तमान में कुल मिलाकर 788 सांसद इस प्रक्रिया में भाग लेते हैं (543 लोकसभा + 245 राज्यसभा सदस्य)।
कैसे होता है मतदान? — प्रक्रिया विस्तार से
गोपनीय मतदान
- मतदान पूरी तरह से गोपनीय होता है।
- सांसदों को वोट देते समय अपनी पसंद को किसी को भी बताना मना होता है।
प्राथमिकता के आधार पर मतदान -
- यह चुनाव प्रो-पोर्टनल रिप्रेजेंटेशन द्वारा सिंगल ट्रांसफरबल वोट सिस्टम से होता है।
- सांसद उम्मीदवारों को वरीयता (1, 2, 3...) के क्रम में चिन्हित करते हैं।
- उदाहरण: अगर दो उम्मीदवार हैं, तो MP '1' उस नाम के आगे लिखेगा जिसे वह पसंद करता है, और '2' उस दूसरे के आगे।
बैलेट पेपर और पेन का इस्तेमाल:
- सांसदों को विशेष प्रकार का बैलेट पेपर दिया जाता है, जिस पर सभी उम्मीदवारों के नाम छपे होते हैं।
- उन्हें दिए गए निर्धारित पेन (साधारण पेन नहीं) से ही मतदान करना होता है।
मतगणना कैसे होती है?
- यदि कोई उम्मीदवार पहले वरीयता के आधार पर कुल वैध मतों का 50% से अधिक प्राप्त करता है, तो वही विजेता घोषित होता है।
- अगर पहले राउंड में कोई स्पष्ट बहुमत नहीं पाता, तो कम वोट पाने वाले को हटाकर दूसरे राउंड में वोट ट्रांसफर किए जाते हैं — जब तक कोई उम्मीदवार बहुमत न पा ले।
निष्पक्षता सुनिश्चित करने के उपाय:
- चुनाव आयोग द्वारा निर्वाचन अधिकारी नियुक्त किया जाता है जो प्रक्रिया की निगरानी करता है।
- सीसीटीवी या मोबाइल फोन मतदान स्थल के भीतर प्रतिबंधित होते हैं।
- कोई सांसद अगर निर्धारित पद्धति से अलग वोट डालता है, तो उसका वोट अमान्य (invalid) हो सकता है।
इस बार का चुनाव क्यों खास है?
- एनडीए के उम्मीदवार सी.पी. राधाकृष्णन और इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी के बीच मुकाबला है।
- मतदान से पहले सी.पी. राधाकृष्णन ने राम मंदिर में पूजा कर जीत का दावा किया है, जिससे सियासी पारा चढ़ गया है।
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